- बिना नियमन वाले ड्रोन, यूएवी और रिमोट संचालित एयरक्राफ्ट सिस्टम खतरा हो सकते हैं
- पाक की ओर से ड्रोन से हथियार गिराए जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
- आधुनिक ड्रोन भेदी हथियारों जैसे स्काई फेंस और ड्रोन गन पर काम कर रही
आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि केंद्रीय एजेंसियों ने इसे लेकर एक आधिकारिक ब्लूप्रिंट तैयार किया है। इसमें कहा गया है कि बिना नियमन वाले ड्रोन, यूएवी और रिमोट संचालित एयरक्राफ्ट सिस्टम अहम ठिकानों, संवेदनशील जगहों और विशिष्ट कार्यक्रमों के लिए खतरा हो सकते हैं और इनसे निपटने के लिए कारगर उपाय की जरूरत है। इन एजेंसियों द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि देश में छह लाख से अधिक विभिन्न आकार और क्षमताओं के बिना नियमन वाले ड्रोन मौजूद हैं और विध्वंसकारी ताकतें अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए इनमें से किसी का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
ड्रोन भेदी तकनीक पर हो रहा काम
ऑस्ट्रेलिया में डिजाइन किए गए इस हथियार की प्रभावी रेंज दो किलोमीटर तक है। साथ ही घातक ड्रोन को रोकने का एक और कारगर हथियार स्काई फेंस प्रणाली है। यह ड्रोन को उसके उड़ान मार्ग को ठप कर लक्ष्य तक पहुंचने से रोकता है। सुरक्षा प्रतिष्ठान में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार को ड्रोन गन और स्काई फेंस पर विचार करने की सिफारिश की गई है क्योंकि ये दोनों अन्य तकनीकों की तुलना में सस्ते और इस्तेमाल में आसान हैं।
प्रोटोटाइप का हरियाणा में हुआ प्रदर्शन
कर्नाटक के बंगलूरू स्थित निजी कंपनी बीईएमएल और इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया और अन्य इस क्षेत्र में मौजूद नई तकनीक का प्रदर्शन किया। इस कॉन्फ्रेंस में वायुसेना, एयरपोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सीआईएसएफ, नागर विमानन महानिदेशालय और एयरपोटर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने भी शिरकत की।